मंगलवार, 9 फ़रवरी 2010

दो छोटी •विताएं

दो छोटी •विताएं
ए•
बहुत पानी है तुम्हारे बिना
और बहुत प्यास भी।
बहुत निराशा है तुम्हारे बिना
और बहुत आस भी।
असमंजस और आश्वासन
दोनों तुम्हारे बिना
और तुम्हारे साथ भी।

दो
खामोशी •ी भाषा में
बैचेनी •ी लिपि में
उस अजन्मे रिश्ते ने
•ितनी चीखें मारी
•ितने •िए सवाल
हाय! अरसे बाद क्यों
हाथ लगी वह
धूल भरी •िताब और
भीतर •ा सूखा गुलाब।

5 टिप्‍पणियां:

  1. bahut achhi kavitayen. donon main hi bhavnaon ki shabdon se nikatata saaf jhalakati hai.

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  2. बहुत पानी है तुम्हारे बिना
    और बहुत प्यास भी।
    बहुत निराशा है तुम्हारे बिना
    और बहुत आस भी।
    असमंजस और आश्वासन
    दोनों तुम्हारे बिना
    और तुम्हारे साथ भी।

    beautiful.

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत खुश किस्मत हैं आप कि आपके पास वो किताब है भले ही वो धूल से ही क्यों न सनी हो क्योंकि..
    ये जो आइने पे गुबार है
    ये तेरी नज़र का फ़िसार है
    जिन्हे था संवरने का हौसला
    इसी आइने में संवर गए...
    सौरभ कुणाल
    www.syaah.blogspot.com
    assistant producer
    voice of india news channel

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